कहाँ से लाए इतनी नफ़रत? क्या सड़क पे मिला पाया? या फिर तुम्हारे मन के उन अंधेरे कमरों की नमी में पनपा है यह? कहाँ छुपाए थे इतनी नफ़रत? क्या आपकी सादगी के मुखोटे में है ये भी समाया? या फिर तुम्हारे अंदर के बेबसपन डर की खाद से पनपा है यह? अरे तुम धूप […]