कहाँ से लाए इतनी नफ़रत? क्या सड़क पे मिला पाया? या फिर तुम्हारे मन के उन अंधेरे कमरों की नमी में पनपा है यह? कहाँ छुपाए थे इतनी नफ़रत? क्या आपकी सादगी के मुखोटे में है ये भी समाया? या फिर तुम्हारे अंदर के बेबसपन डर की खाद से पनपा है यह? अरे तुम धूप […]
Landour moorings!
The wild deodars, for ages, stand, the night and few twinkling stars, One heart, one sight, the lights below in the valley’s lap, Seem like the sky n’earth, stand inverted, a simple thought, we all forgot, But hills, they bring forth, all, all that was once heightened in us.